भीमा कोरेगांव केस एनआईए को सौंपने से महाराष्ट्र पुलिस ने किया इनकार

पुणे : महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा कोरेगांव मामले दस्तावेज एनआईए को सौंपने से इनकार कर दिया । राज्य गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा है कि जबतक उनकी केंद्र सरकार से इसपर कोई औपचारिक बात नहीं होती तब तक राज्य की पुलिस एनआईए के साथ सहयोग नहीं करेगी। देशमुख कहा कि महाराष्ट्र पुलिस को केंद्र की ओर से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है कि एलगार परिषद की जांच को एनआईए को सौंपा जाना है। देशमुख ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा कि हमें एलगार परिषबारे में शिकायतें मिलने के बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) विचाराधीन था। उप मुख्यमंत्री अजित पवार और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इसके लिए एक रिव्यू मीटिंग की थी। बता दें कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यलगार परिषद की जांच एनआईए को ट्रांसफर करने की घोषणा की थी। तब महाराष्ट्र सरकार ने इसका विरोध किया था। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को पूछे बिना यह केस द की जांच एनआईए को ट्रांसफर किए जाने की खबर मीडिया से मिली है। हमें इसपर कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है। ऐसे में केंद्रीय एजेंसी के साथ सहयोग करना हमारे लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इसपर कानूनी राय मांगी है जिसके बाद ही कोई फैसला होगा। राज्य सरकार ने यलगार परिषद की जांच की समीक्षा शुरू कर दी थी और पुणे पुलिस द्वारा जांच के बारे में शिकायतें मिलने के बाद एक विशेषलड़ाई में अंग्रेजों की तरफ से महार जाति के लोगों ने लड़ाई की थी और इन्हीं लोगों की वजह से अंग्रेज़ों की सेना ने पेशवाओं को हरा दिया था। महार जाति के लोग इस युद्ध को अपनी जीत और स्वाभिमान के तौर पर देखते हैं और इस जीत का जश्र्न हर साल मनाते हैं। जनवरी में भीमा-कोरेगांव में भी लड़ाई की २००वीं सालगिरह को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिन लोग यह दिवस मनाने के लिए एकत्र हए। भीम कोरेगांव के विजय स्तंभ में शांतिपूर्वक कार्यक्रम चल रहा था। अचानक भीमा-कोरेगांव में विजय स्तंभ पर जाने वाली गाड़ियों पर किसी ने हमला बोल दिया। इसी घटना के बाद दलित संगठनों ने दो दिनों तक मुंबई समेत नासिक, पुणे, ठाणेअहमदनगर, औरंगाबाद, सोलापुर सहित अन्य इलाकों में बंद बुलाया जिसके दौरान फिर से तोड़फोड़ और आगजनी हुई। इसके बाद पुणे के ज्वाइंट कमिशूनर ऑफ पुलिस रवीन्द्र कदम ने भीमाकोरेगांव में दंगा भड़काने के आरोप में विश्राम बाग पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया और पांच लोगों को गिरफ्तार किया।